औरंगजेब कौन थे? औरंगजेब की कब्र कहा है Aurangzeb Controversy 2025



औरंगजेब कौन थे? औरंगजेब की कब्र कहा है Aurangzeb Controversy 2025

औरंगज़ेब और मुगल शासकों का शासन: सत्ता विस्तार और व्यक्तिगत जीवन  के बारे में जानेंगे 2025 में क्यों इतना विवाद चल रहा है ?


HSRP की अंतिम तिथि | HSRP Registration कैसे करे 2025

 

औरंगजेब कौन थे? औरंगजेब की कब्र कहा है Aurangzeb Controversy 2025

औरंगजेब कौन थे? औरंगजेब की कब्र कहा है औरंगज़ेब, मुगल साम्राज्य का छठा शासक (1658-1707), अपने कठोर शासन और विशाल साम्राज्य के लिए जाना जाता है। लोग उन्हें धार्मिक कट्टरता से जोड़ते हैं, लेकिन उनका और अन्य शासकों का मुख्य लक्ष्य सत्ता विस्तार था। इस लेख में हम औरंगज़ेब के जन्म, मृत्यु, और कब्र के साथ-साथ उनके पिता शाहजहाँ को कैद करने की वजह, मंदिरों का हाल, हिंदू सरदारों की भूमिका, जीडीपी, और यह सत्य कि सभी शासकों की नजर सत्ता पर थी, पर चर्चा करेंगे। यह विश्लेषण ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है।


औरंगज़ेब का जन्म, मृत्यु और कब्र कहा है?


औरंगज़ेब का जन्म 3 नवंबर 1618 को दाहोद में हुआ था, जो अब गुजरात, भारत में है। उस समय उनके पिता शाहजहाँ मुगल बादशाह थे। उनकी मृत्यु 3 मार्च 1707 को अहमदनगर (अब महाराष्ट्र, भारत) में हुई, जब वे दक्कन अभियान पर थे। औरंगज़ेब की कब्र खुलदाबाद, महाराष्ट्र में है, जो औरंगाबाद के पास एक छोटा कस्बा है। यह कब्र सूफी संत शेख ज़ैनुद्दीन शिराज़ी के दर्गाह के आँगन में स्थित है। उनकी इच्छा के अनुसार यह एक सादा कब्र है—कोई भव्य मकबरा नहीं, बस एक साधारण पत्थर और खुली जगह, जो उनके सादगी भरे जीवन को दर्शाता है।

औरंगजेब कौन थे? औरंगजेब की कब्र कहा है
औरंगजेब कौन थे? औरंगजेब की कब्र कहा है Aurangzeb Controversy 2025


औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को क्यों कैद किया था?


शाहजहाँ को कैद करने की वजह: फिजूलखर्ची और सत्ता की लड़ाई

READ More Post...  डॉ.भीमराव अंबेडकर विचार योगदान और 14 अप्रैल का महत्व

औरंगज़ेब ने 1658 में अपने पिता शाहजहाँ को आगरा के किले में कैद कर लिया था। इसके पीछे कई कारण थे, जिनमें शाहजहाँ की फिजूलखर्ची एक बड़ी वजह मानी जाती है। शाहजहाँ ने ताजमहल जैसे भव्य स्मारकों पर अथाह धन खर्च किया था। इतिहासकारों के अनुसार, ताजमहल बनाने में करीब 32 मिलियन रुपये (17वीं सदी की मुद्रा में) लगे, जो उस समय के खजाने का बड़ा हिस्सा था। इसके अलावा, शाहजहाँ की शाही जीवनशैली और नई राजधानी शाहजहाँनाबाद (दिल्ली) बनाने की योजना ने भी आर्थिक बोझ बढ़ाया।

लेकिन फिजूलखर्ची अकेली वजह नहीं थी। औरंगज़ेब और उनके भाइयों—दारा शिकोह, शाह शुजा, और मुराद—के बीच सत्ता की लड़ाई चरम पर थी। शाहजहाँ दारा शिकोह को अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते थे, जिसे औरंगज़ेब ने खतरा माना। 1657-58 में उत्तराधिकार का युद्ध शुरू हुआ, जिसमें औरंगज़ेब ने अपने भाइयों को हराया और शाहजहाँ को सत्ता से हटाकर कैद कर लिया। यह कदम सत्ता हथियाने और साम्राज्य पर एकछत्र नियंत्रण के लिए था, न कि केवल फिजूलखर्ची के विरोध में। शाहजहाँ 1666 में कैद में ही मरे।


मंदिरों का निर्माण और विनाश


औरंगज़ेब के समय मंदिर तोड़ने की घटनाएँ चर्चित हैं। 1669 में जारी फरमान के तहत काशी विश्वनाथ, केशवदेव मंदिर, और सोमनाथ जैसे मंदिर नष्ट हुए। रिचर्ड ईटन का अनुमान है कि करीब 80 मंदिर तोड़े गए, जो ज्यादातर विद्रोहियों को दबाने या विरोधियों को कमजोर करने के लिए था। और इसमें कोई धार्मिक कारण नहीं था बल्कि राजनीतिक कारणों से मंदिर तोड़े गए विद्रोही धार्मिक स्थलो का प्रयोग विद्रोहि गतिविधि स्थान होने के कारण। लेकिन कुछ मंदिरों को संरक्षण भी मिला—अमीनुल इस्लाम का दावा है कि 400 मंदिरों को जमीन दी गई, जैसे कामाख्या और उज्जैन के मंदिर, हालाँकि प्रमाण सीमित हैं। सत्य प्रकाश सांगड़ के अनुसार, 10-15 मंदिरों को सहायता मिली, जो गठजोड़ का हिस्सा था। यहाँ भी सत्ता की रणनीति ही प्रमुख थी।

READ More Post...  WhatsApp Verification Code Not Received (2025) – हिंदी

दरबार में हिंदू सरदार


औरंगज़ेब के दरबार में 31% मनसबदार हिंदू थे, जो शाहजहाँ (22%) और जहाँगीर (14%) से ज्यादा था। राजा जय सिंह, जसवंत सिंह, और राम सिंह जैसे सरदार उनकी सेना और शासन में शामिल थे। करीब 100-150 हिंदू सरदार उनके साथ थे, जो सत्ता को मजबूत करने के लिए जरूरी थे। यह धार्मिक उदारता नहीं, बल्कि राजनीतिक जरूरत थी।


उस  समय की भारत की जीडीपी?


औरंगज़ेब के समय भारत की जीडीपी  विश्व की 24.4% थी (एंगस मैडिसन), जिसकी कीमत 90-100 मिलियन पाउंड थी। अर्थव्यवस्था कृषि और व्यापार (कपास, रेशम, मसाले) पर टिकी थी। कर संग्रह 25-30 मिलियन रुपये था, लेकिन दक्कन अभियानों ने इसे कमजोर किया। यह आर्थिक ताकत सत्ता का आधार थी।


सत्ता विस्तार ही लक्ष्य: मुगल और अन्य राजा


औरंगज़ेब   के युद्ध—दक्कन, मराठों, राजपूतों, और सिखों के खिलाफ—सत्ता विस्तार के लिए थे। दक्कन अभियान दक्षिण को नियंत्रित करने, मराठों के खिलाफ युद्ध शिवाजी की ताकत को रोकने, और राजपूतों से संघर्ष कर संग्रह के लिए था। सिख गुरु तेग बहादुर की हत्या विद्रोह को कुचलने के लिए थी। जिज़्या और मंदिर विनाश भी विरोधियों को कमजोर करने के तरीके थे।

यह सिर्फ औरंगज़ेब तक नहीं था। बाबर ने सत्ता के लिए भारत में कदम रखा। हुमायूँ ने खोया राज्य वापस लिया। अकबर ने गठजोड़ और युद्ध से साम्राज्य बढ़ाया। जहाँगीर और शाहजहाँ ने शाही ठाठ और स्मारकों से सत्ता को चमकाया। समकालीन राजा—शिवाजी, विजयनगर शासक, या राजपूत—सब सत्ता के लिए लड़े। इतिहासकार रिचर्ड ईटन और सतीश चंद्रा मानते हैं कि धर्म इनके लिए उपकरण था, असली मकसद सत्ता का विस्तार था। कोई भी शासक धार्मिक मजबूरी या लक्ष्य के लिए नहीं, बल्कि सत्ता के लिए काम करता था।

READ More Post...  मोबाइल की स्क्रीन पर आने वाली ऐड कैसे बंद 2025करें

समापन विचारऔरंगज़ेब का जन्म दहोद में, मृत्यु अहमदनगर में, और कब्र खुलदाबाद में है। शाहजहाँ को उनकी फिजूलखर्ची और सत्ता की लड़ाई के कारण कैद किया गया। मंदिरों का विनाश और संरक्षण, हिंदू सरदारों का साथ, और आर्थिक ताकत—सब सत्ता के लिए थे। मुगल और अन्य राजा सत्ता विस्तार को ही प्राथमिकता देते थे, धर्म उनके लिए माध्यम था। और जानकारी चाहिए तो बताइए!

 

There are no reviews yet. Be the first one to write one.

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *